Monday, May 27, 2013
Sunday, May 26, 2013
Tuesday, May 14, 2013
Saturday, May 11, 2013
Friday, May 10, 2013
कहां गई गोचर भूमि
इंग्लैंड हरेक पशु के लिए औसतन 3.5 एकड़ जमीन चरने के लिए अलग रखता है। जर्मनी 8 एकड़, जापान 6.7 एकड़ और अमेरिका हर पशु के लिए औसतन 12 एकड़ जमीन चरनी के लिए अलग रखता है। इसकी तुलना में भारत में एक पशु के लिए चराऊ जमीन 1920 में 0.78 एकड़ अर्थात अंदाजन पौने एकड़ थी। (Agricultural Statistics of India, 1920/21, Vol.1, Table 1, 2 – 5)
अब यह संख्या घटकर प्रति पशु 0.09 एकड़ हो गई है। अर्थात अमेरिका में 12 एकड़ पर 1 पशु चरता है, जबकि अपने यहां एक एकड़ पर 11 पशु चरते हैं (India 1947, Page 172-187)। सिर्फ एक ही साल में अपने यहां साढे सात लाख एकड़ जमीन पर के चरागाहों का नाश कर दिया गया। 1968 में चराऊ जमीने 3 करोड़ 32 लाख 50 हजार एकड़ जमीन पर थी, जो 1969 में घटकर 3 करोड़ 25 लाख एकड़ हो गई। (India 1947, page 172) और पांच सालों में अर्थात 1974 में वे और अढ़ाई लाख एकड़ कम होकर 3 करोड़ 22 लाख 50 हजार एकड़ हो गई। इस तरह सिर्फ छह सालों में 10 लाख एकड़ चराऊ जमीनों का नाश किया गया। फिर भी किसानों का विकास करने की बढ़ाई हांकने वाले, गरीबों को रोजी दिलाने का वादा करने वाले, विशेषकर किसानों, पशुपालकों व गांव के कारीगरों के वोट से चुनाव जीतने वाले किसी भी विधानसभा या लोकसभा के सदस्य ने उसका न तो विरोध किया है, न ही उसके प्रति चिन्ता व्यक्त की है।
अब यह संख्या घटकर प्रति पशु 0.09 एकड़ हो गई है। अर्थात अमेरिका में 12 एकड़ पर 1 पशु चरता है, जबकि अपने यहां एक एकड़ पर 11 पशु चरते हैं (India 1947, Page 172-187)। सिर्फ एक ही साल में अपने यहां साढे सात लाख एकड़ जमीन पर के चरागाहों का नाश कर दिया गया। 1968 में चराऊ जमीने 3 करोड़ 32 लाख 50 हजार एकड़ जमीन पर थी, जो 1969 में घटकर 3 करोड़ 25 लाख एकड़ हो गई। (India 1947, page 172) और पांच सालों में अर्थात 1974 में वे और अढ़ाई लाख एकड़ कम होकर 3 करोड़ 22 लाख 50 हजार एकड़ हो गई। इस तरह सिर्फ छह सालों में 10 लाख एकड़ चराऊ जमीनों का नाश किया गया। फिर भी किसानों का विकास करने की बढ़ाई हांकने वाले, गरीबों को रोजी दिलाने का वादा करने वाले, विशेषकर किसानों, पशुपालकों व गांव के कारीगरों के वोट से चुनाव जीतने वाले किसी भी विधानसभा या लोकसभा के सदस्य ने उसका न तो विरोध किया है, न ही उसके प्रति चिन्ता व्यक्त की है।
Tuesday, May 7, 2013
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