Saturday, April 28, 2012

अंग्रेजों ने भारतीय सभ्यता को खत्म करने के लिये भारतीय गुरुकुल प्रणाली और भारतीय कृषि प्रणाली पर आक्रमण किया, एक अंग्रेज भारत रॉबर्ट क्लाइव ने कृषि प्रणाली पर व्यापक अनुसंधान किया. 

अनुसंधान के परिणाम के रूप में इस प्रकार है:

* गाय भारतीय कृषि का आधार है और भारतीय कृषि को गाय की मदद के बिना निष्पादित नहीं किया जा सकता है.
* भारतीय कृषि की रीढ़ तोड़ने के लिये गायों को समाप्त करना जरूरी है.
* वह अनुमान था कि बंगाल में गायों की संख्या पुरुषों की संख्या से अधिक थी. यही समान स्थिति भारत के अन्य हिस्सों में थी.

भारत को अस्थिर करने की योजना का एक भाग के रूप में गोहत्या शुरू की गई. भारत में पहली क़साईख़ाना 1760 में शुरू किया गया था, एक क्षमता के साथ प्रति दिन 30,000 (हज़ार तीस केवल), कम से कम एक करोड़ गायों को एक साल में मारा गया, गायों की बलि के कारण भारत में कृषि समाप्त हो रही थी, न तो यहाँ कोई खाद थी गोबर के रूप में और न ही गोमूत्र की तरह कीटनाशक, रॉबर्ट क्लाइव ने भारत छोडने से पहले काफ़ी संख्या में कसाईखाने खोल दिये थे
1910 में 350 बूचड़खाने जो दिन से लेकर रात तक गौ कत्ल करते थे उनके परिणाम के रूप में भारत व्यावहारिक रूप से पशुओं के महरूम होता गया. इस प्रकार यूरिया और फास्फेट जैसे औद्योगिक खाद भारत की खेती में जगह लेने लगे.

एक सवाल के जवाब में गांधीजी ने कहा था कि जिस दिन भारत स्वतंत्रत हो जायेगा उसी दिन से भारत में सभी वध घरों को बंद किया जाएगा, 1929 में एक सार्वजनिक सभा में नेहरू ने कहा कि अगर वह भारत का प्रधानमंत्री बने तो वह पहला काम इन कसाईखानो को बंद करने का करेंगे, इन 63 सालों में 75 करोड गायों को मौत के घाट उतारा जा चुका है.. 1947 के बाद से संख्या 350 से 36,000 तक बढ़ गई है सरकार की अनुमति से 36,000 कतलखाने चल रहे हैं इसके इलावा जो अवैध रूप से चल रहे है वो अलग है उनकी संख्या की कोई पूरी जानकारी नही है

...ध्यान दे,ध्यान दे,ध्यान दे......
इतफ़ाक समझे या सच ।
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इंदिरा गांधी को एक संत ने श्राप दे
दिया था |और वो सच हुआ था !
1966 के समय में एक़ संत थे
क्रपात्री जी महाराज।

इंद्रा गांधी के लिये उस वकत चुनाव जीतना बहुत मुश्किल था ।क्रपात्री जी
महाराज के आशीर्वाद से इंद्रा गांधी चुनाव जीती ।
इंद्रा ग़ांधी ने उनसे वादा किया था चुनाव जीतने के बाद गाय के सारे
कत्ल खाने बंद हो जायेगें ।जो अंग्रेजो के समय से चल रहे हैं ।

और जैसा की आप जानते हैं । वादे से मुकरना नेहरु परिवार की खानदानी आदत है ।
चुनाव जितने के बाद कृपात्री जी महाराज ने कहा और मेरा काम करो न गाय के
सारे कत्ल खाने बंद करो । इंद्रा ग़ांधी ने धोखा दिया । कोई कत्लखाना बंद
नहीं किया गया ।
(तब रोज कि 15000 गाय कत्ल
की जाती थी.Ab 26000 kati jati
hai.
आज तो मनमोहन सिंह ने गाय का मास बेचने वाले देशो भारत को पुरी दुनिया
में तीसरे नंबर पर ला दिया है ।)

खैर तो फ़िर
किर्पत्री जी महाराज का धैर्य टूट गया !
क्रपात्री जी ने एक दिन लाखो भगतो के सथ संसद क़ा घिराव कर दिया |और कहा
की गाय के कतलखाने बंद होगे इसके लिये
बिल पास करो |

bill pass karna to door
इंद्रा गांधी ने उन पर भगतो के उपर गोलिया चलवा दी
सैंकड़ो गौ सेवको मरे गए !
तब क्र्पात्री जे ने उन्हे श्राप दे
दिया की जिस तरह
तुमने गौ सेवको पर गोलिया चलवाई है
उसी तरह तुम मारी जाओ गी.

और (ये अजीब ही इत्फ़ाक हैं.)जिस दिन इंद्रा गांधी ने गोलिया चलवाई थी उस दिन
गोपा अष्टमी थी.
(गाय के पूजा का सब्से बड़ा दिन) और जिस
दिन इंद्रा गांधी को गोली मरी गई
उस दिन भी गोपा अष्टमी थी !

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