Sunday, September 16, 2012

संत गोपालदास का संकल्प, 17 सितंबर से 7 नवंबर तक करेंगे पैदल यात्रा

संत गोपालदास का संकल्प, 17 सितंबर से 7 नवंबर तक करेंगे पैदल यात्रा

संत गोपालदास का संकल्प, 17 सितंबर से 7 नवंबर तक करेंगे पैदल यात्रा 
गो चरान भूमि के लिए अब दिल्ली मार्च 
भास्कर न्यूज त्नपानीपत


गो चरान भूमि के लिए कुरुक्षेत्र में सत्याग्रह कर चुके संत गोपालदास अब दिल्ली में दहाड़ेंगेे। संपूर्ण गो रक्षा आंदोलन के तहत वह १७ सितंबर से गोहाना से पद यात्रा शुरू करेंगे। पानीपत से होते हुए उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब व राजस्थान से 7 नवंबर को दिल्ली में जंतर मंतर पर पहुंचेंगे। यहां पर गो वध के खिलाफ धरने पर बैठेंगे। सरकार की ओर से जब तक गायों की सुरक्षा के लिए कोई ठोस समाधान नहीं किया जाएगा, वह धरने पर बैठे रहेंगे।

शनिवार को लघु सचिवालय में इस संकल्प की घोषणा करते हुए गोपालदास ने बताया कि अब बड़ा आंदोलन छेडऩे का वक्त आ गया है। उन्होंने कहा कि जिस गाय को माता का दर्जा दिया गया था, आज उसी की दुर्गति हो रही है। जो जमीन गो चरान की है, उस पर कब्जे किए जा चुके हैं। इन कब्जों को छुड़वाने के लिए आंदोलन किया जाएगा। अब आरपार की लड़ाई लड़ी जाएगी।

सरकार, मत काटो प्लॉट

गोपालदास ने डीसी मोना श्रीनिवास को बताया कि उनके गांव राजाखेड़ी में गो चरान की साढ़े आठ एकड़ भूमि पर प्लॉट काटे जा सकते हैं। प्रशासन यहां प्लॉट न कटने दे। सरकार अपनी वाहवाही लूटने के लिए ऐसा कर रही है। इससे पहले प्लॉट काटने की कोशिश की गई थी, जिसे रोका गया था। गाय भूखी मर रही हैं। चारे की व्यवस्था सही ढंग से नहीं हो पा रही है।

जीओ और जीने दो का टैटू

संत गोपाल दास ने कहा कि जेएनयू के छात्रों ने गाय के मीट की पार्टी की घोषणा करके भगत सिंह का अपमान किया है। विरोध जताने के लिए उन्होंने अपने माथे पर 'लीव एंड लाइव' (जीओ और जीने दो) का टैटू गुदवाया है। शरीर पर एक तरफ 'भारत माता' का नक्शा और दूसरी तरफ 'गाय' का चित्र गुदवाया है। वह जेएनयू भी जाएंगे। छात्रों को समझाएंगे कि ऐसी पार्टी न मनाएं।

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